Lokmanya Tilak essay in Hindi | लोकमान्य तिलक पर हिंदी निबंध।

नमस्कार दोस्तो आज हम हमारे देश के एक महापुरुष, महान व्यक्ती लोकमान्य तीलक इस विषय पर हिंदी निबंध लेकर आए है। इस निबंध में हमने बाल गंगाधर तिलक के जीवन कार्य का वर्णन किया है।

तो चलिए लोकमान्य तिलक इस विषय पर हिंदी निबंध की शुरुआत करते है।

Lokmany tilak Essay in hindi image

लोकमान्य तिलक।

भारत मैं काफी सारे महापुरुषों ने जन्म लिया है, और ऐसे ही एक महापुरुष थे लोकमान्य तिलक। लोकमान्य तिलक जी ने भारत को स्वतंत्र दिलाने के लिए और स्वराज्य स्थापित करने के लिए काफी कष्ट किए और काफी आंदोलन किए जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

केशव गंगाधर तिलक इन्हें बाल गंगाधर तिलक इस नाम से पहचाना जाता था। उनका जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी मे चिखली नामक गांव में २३ जुलाई १८५६ मे हुआ था।

बाल गंगाधर तिलक यह एक अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई पुणे में की थी। लोकमान्य तिलक की शादी १६ वर्ष की आयु में तापी बाई से हुई थी। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लोकमान्य तिलक एक पाठशाला में बच्चों को पढ़ाने लगे वे एक शिक्षक थे।

लोकमान्य तिलक इनको अंग्रेजों की शिक्षण पद्धति और उनका भारतीयों के प्रति व्यवहार कुछ ठीक नहीं लगा, इसीलिए उन्होंने शिक्षक का अपना काम छोड़ दिया। फिर उन्होंने एक पत्रकार बनने का निर्णय लिया और वे लोगकार्य में शामिल होने लगे।

लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजों का भारतीयों के प्रति दुर्व्यवहार अनुभव किया था, इसीलिए उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर पाठशाला और कॉलेज बनवाए। उन्होंने इन पाठशाला में और कॉलेज में भारतीयों को अच्छी शिक्षा दी और उनके मन में देशभक्ति निर्माण की।

केशव गंगाधर तिलक इन्होंने भारत को अंग्रेजों के चंगुल से स्वतंत्र करने का निर्णय कर लिया था और भारत को स्वतंत्र करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी। उन्होंने भारत को स्वतंत्र करने के लिए आंदोलन करने शुरू कर दिए।

लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध किया, और नारा लगाया "स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध हक्क है, और वह मैं लेकर ही रहूंगा"। लोकमान्य तिलक के सामने अंग्रेजों कि सरकार ने भी घुटने टेक दिए थे। उन्होंने "केसरी" और "मराठा" इन वर्तमान पत्र की शुरुआत की, जैसे कि वह लोगों को जागरूक कर सकें। बाल गंगाधर तिलक इन्होंने ही गणेश उत्सव इस सार्वजनिक त्यौहार की शुरुआत की थी, उन्होंने ऐसा किया था ताकि लोग बिना किसी मतभेद के एकत्रित आए, और ऐसा ही हुआ।

बाल गंगाधर तिलक इन्होंने अपने आप को भारत को स्वतंत्र दिलाने के लिए पूरी तरह से समर्पित कर दिया। उन्होंने हम लोगों के लिए बहुत कुछ किया इसीलिए उन्हें लोकमान्य तिलक कहा जाता है। अंग्रेजों ने उन्हें "फादर ऑफ इंडियन अन अरेस्ट" यह उपाधि दी थी।

लोकमान्य तिलक को हमारे लिए जेल भी जाना पड़ा था उन्होंने हमारे लिए काफी कष्ट किए। लोकमान्य तिलक ने अपनी आखिरी सांस १ अगस्त १९२० को ली, और वे लोगों के लिए हमेशा के लिए अमर हो गए।

समाप्त।

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यह हिंदी निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० के बच्चे अपने पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। और यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • बाल गंगाधर तिलक।
  • केशव गंगाधर तिलक।
  • एक महान व्यक्ति - लोकमान्य तिलक।
  • लोकमान्य तिलक - भारत के एक महापुरुष।

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