सैनिक की आत्मकथा हिंदी निबंध | Sainik ki atmakatha essay in Hindi

भारतीय सेना का सैनिक बन्ना यह बचपन में हम सभी का सपना होता है पर सभी भारतीय सेना के सैनिक नहीं बन पाते। आज हम एक सैनिक की आत्मकथा इस विषय पर हिंदी निबंध लाए है। तो चलिए दोस्तों निबंध को शुरू करते है।

This image has an indian army officer used for hindi essayo on sainik ki atmakatha

सैनिक की आत्मकथा।

मैंने आज समाचार पत्र में एक समाचार पढ़ा, संरक्षण मंत्री ने सैनिकों के छावनी में गए थे। तब सैनिकों ने संरक्षण मंत्री से कहा "साहब आपके हुकुम की प्रतीक्षा है"। हमारे जवान दुश्मनों को सबक सिखाने केलिए तैयार है। ये पढ़कर मुझे भी भारतीय सैनिक बनने की इच्छा हुई। और क्या सहयोग की बात थी, उसी दिन हमारे पाठशाला में सैनिक आए। हम सभी बच्चे उन सैनिकों के पास जाकर उनसे प्रश्न पूछने लगे। तभी एक सैनिक ने हमें उसके बारे में बताना शुरू किया।

मराठा बटालियन का सैनिक हूं। भारतीय सेना के तीन प्रमुख विभाग है, भारतीय वायु सेना, थल सेना और जल सेना। मैं भर दिया जल सेना का सैनिक हू। हमारे में सैनिकों के अलग अलग ब्याचेस होते है। इन बयाचेस के नाम और हमारे क्रमांक से हमारी पहचान होती है। यहां पर हमें नाम गांव और जात महत्वपूर्ण नहीं है, हम सभी भारतीय है।

मुझे बचपन से युद्ध का बहुत आकर्षण था। शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, बाजी प्रभु, इनकी कथाएं सुनकर शरीर में एक उत्साह आ जाता था। जब मैं मैट्रिक पास हुआ, उस समय घातक चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था उस समय सैनिकों की बहुत जरूरत थी और मैं भारतीय सेना में भर्ती हो गया। मेरी मनोकामना पूरी हो गई और मुझे युद्ध भूमि पर जाने की संधि मिल गाई।

बाद में फिर भारत पाक के युद्ध में मुझे युद्ध मे जाने का मौका मिला। जब युद्ध होता है तभी हमें खाने पीने का भी ध्यान नहीं रहता हम इतने उत्साह में होते है।

सैनिक के दिन की शुरुआत सुबह के अभ्यास से होती है। सेना में आप का व्योहार बहुत ज्यादा मायने रखता है। सभी काम खुद करने पड़ते है। घर से, अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है। अगर युद्ध नहीं हुआ तो साल में सिर्फ १५ दिनो की छुट्टी मिलती है।

हम सैनिक देश की और देशवासियों की रक्षा के लिए दिन रात एक कर देते है। पर आप लोगों को हमारी याद तक नहीं आती। जब लालबहादुर शास्त्री जी हमारे प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने हमे याद रखने के लिए "जय जवान" की घोषणा की थी। दोस्तों आप कभी भी हम जवानों को मत भूलना।

जय हिंद।

दोस्तों क्या आपको भी एक सैनिक बनना है? और आपको हमारे INDIAN ARMY के बारे में क्या लगता है हमें नीचे comment करके बताएं।

सैनिक की आत्मकथा यह हिंदी निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० के बच्चे अपने पढ़ाई के लिए इस्तमाल कर सकते है। यह निबंध "घायल सैनिक की आत्मकथा, भारतीय जवान की आत्मकथा" इस विषय पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

आपको यह निबंध कैसा लगा और अगर आपको कोई और हिंदी विषय पर निबंध चाहिए तो हमें नीचे comment करके बताइए।

धन्यवाद।

एक टिप्पणी भेजें

7 टिप्पणियाँ