हम भारतीय वर्षभर कितने सारे त्यौहार / उत्सव मनाते है। उन्ह सारे त्योहारों में से सबको पसंद आने वाला त्यौहार है गणेश चतुर्थी जिसे हम गणेश उत्सव भी कहते है। आज हम गणेश चतुर्थी पर हिंदी निबंध लेकर आए है। तो चलिए निबंध गणेशा का नाम लेकर शुरू करते है।
गणेश चतुर्थी।
भारत में वर्ष में काफी सारे त्यौहार / उत्सव मनाया जाते है फिर चाहे वह दहीहंडी हो दिवाली, होली हो या गणेश चतुर्थी हो। सभी को सारे त्यौहार पसंद होते है पर कोई एक त्यौहार ऐसा होता है जो उसे काफी प्रिय होता है जैसा मुझे गणेश उत्सव है।
गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी को गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश उत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत बाल गंगाधर तिलक यानी कि लोकमान्य तिलक ने की थी। गणेश चतुर्थी को सार्वजनिक बनाने के पीछे लोकमान्य तिलक की यह सोच थी कि सारे समाज के लोग इकट्ठे आए और बिना किसी मतभेद के यह त्यौहार मनाए जिससे कि लोगों में एकता बनी रहे।
गणेश उत्सव यह १० से ११ दिनों का त्यौहार होता है पर इस त्यौहार का उत्साह लोगों में काफी दिनों पहले ही दिखना शुरू हो जाता है क्योंकि विघ्नहर्ता गणेश सबके प्रिय है। विनायक चतुर्थी के १ दिन पहले बाप्पा की मूर्ति लाई जाती है, मूर्ति लाते समय वह काफी धूमधाम से लाई जाती है सभी लोगों में काफी उत्साह होता है।
गणेश चतुर्थी के दिन मुहूर्त के अनुसार गणपति की पूजा अर्चना करके बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाती है। गणेश चतुर्थी के कारण पाठशाला को दो से तीन दिन की छुट्टी मिलती है, घर पर स्वादिष्ट मोदक मनाए जाते है, क्योंकि गणपति बप्पा को मोदक काफी पसंद है और हम बच्चों को भी।
हमारे गांव में हमारा एक छोटा गणेश मंडल है। गणेश उत्सव के मौके पर हमारा यह गणेश मंडल कुछ कार्यक्रम आयोजित करता है। हमारे यहां ५ दिनो का सार्वजनिक गणपति होता है, गणपति के डेकोरेशन में सुंदर चलचित्र मनाया जाता है जो कोई ना कोई सामाजिक संदेश देता है। और हर दिन रात को अलग अलग स्पर्धा होती है जैसे कि वक्तृत्व, नृत्य और नाटक और एक दिन कुछ छोटे खेल भी आयोजित किए जाते है। गणपति के आखरी दिन सभी विजेताओं को उपहार दिए जाते है।
हम गणपति को हमारे सार्वजनिक जगह पर स्थापित करते है सभी गाववाले काफी उत्साह से सभी काम करते है। गणेश चतुर्थी का सरा कार्य गांव के बच्चे ही देखते है। गणेश उत्सव के इन दिनों हम सभी रात भर जग कर काफी मौज करते है। फिर वह दिन आता है जब सबके चेहरे पर नाराजगी आती है क्योंकि अभी बप्पा के विसर्जन का समय आ चुका होता।
गणपति के विसर्जन के लिए बाप्पा की मिरवणूक निकाली जाती है गणपति की गाड़ी शानदार तरीके से सजाई जाती है। फिर काफी धूमधाम से नाचते गाते गणपति बाप्पा का विसर्जन किया जाता है सबके चेहरे पर आनंद होता है पर मन में दुख होता है क्योंकि अब गणपति बप्पा एक लंबे समय बाद फिर अगले साल आएंगे। इसीलिए तो कहते है "गणपति चालले गावाला चैन पडेना आम्हाला गणपती बाप्पा पुढच्या वर्षी लवकर या"। ऐसा यह गणेश उत्सव उत्साह और आनंद से मनाया जाता है इसीलिए गणेश उत्सव मुझे काफी प्रिय है।
समाप्त।
तो दोस्तों आप गणेश चतुर्थी कैसे मनाते हो और आपके गणपति मंडल का नाम क्या है हमें नीचे comment करके जरूर बताएं।
गणेश चतुर्थी पर यह हिंदी निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए इस्तमाल कर सकते है। उसी के साथ यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तमाल किया जा सकता है।
- मैंने मनाया हुआ गणेश उत्सव।
- मेरा प्रिय त्योहार गणेश उत्सव।
- विनायक चतुर्थी।
तो दोस्तों गणेश चतुर्थी पर यह हिंदी निबंध आपको कैसा लगा और अगर आपको कोई और विषय पर हिंदी निबंध चाहिए तो हमें नीचे comment करके बताएं।
धन्यवाद।
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