Hindi Essays धरती की आत्मकथा इस विषय पर हिंदी निबंध लेकर आया है, आप यह धरती की आत्मकथा जरूर पढ़े। चलिए दोस्तो निबंध की शुरवात करते है।
धरती की आत्मकथा।
कैसे हो आप सब आशा करती हूं आप सब कुशल होंगे। में कोण हू यह प्रश्न तुम्हे पड़ा होगा, कोई मुझे पृथ्वी बोलता है तो कोई मुझे अर्थ बोलता है पर में तो एक ग्रह हू जिसे आप धरती के नाम से भी जानते है।
इस ब्रह्माण्ड मे बाहोत सारे ग्रह है पर में तुम्हारी धरती एक ही ऐसा ग्रह हू जिस पर आप रेह सकते हो क्योंकी मेरा वातावरण जीवन के लिए अनुकूल है, मेरे वातावरण के बिना जीवन मुंकिन नहीं है इसीलिए लोग मेरी पूजा करते है। कई लोग मुझे मां मानते है, मैने किसी को जन्म तो नहीं दिया पर सबको पाला जरूर है।
में रोज बिना भूले सूर्य की परिक्रमा करती हूं इसीलिए तो अप दिन और रात का अनुभव करते हो। में आकर से गोल हू और मेरे ७१% हिस्से पर पानी (समुद्र) है तो २९% हिस्सा जमीन है, पर जीवन मुझपर १००% है। में तुम्हे केवल रेहेने केलिए जगह ही नहीं देती तो तुम्हारा रक्षण भी करती हूं।
में तुम्हारे लिए इतना कुछ करती हूं पर आब तो हद ही हो गई है, तुम लोगों तो मेरी ही स्थिति खराब कर रहे हो तुम ऐसा ही करते रहे तो तुम मुझे तो मारोगे ही पर तुम भी जिंदा नहीं रह पाओगे।
आज तुम लोग मेरे ऊपर बसे हुए सारे पेड़ों के जंगलों को नष्ट करने लगे हो, जहा देखो वहा तुम अपने सीमेंट के जंगल बना रहे हो जिसके कारण मुझे बारिश का पानी भी नहीं मिल पारहा। तुम तो इतना करके भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हो वातावरण में इतना प्रधूषण करके रखा है कि अब सास लेना मुश्किल को गया है।
तुम लोग मुझे अपनी मां सामान मानते हो और पता होगर भी मुझसे इतना बुरा बर्ताव कर रहे हो। तुम्हारा पूरा कूड़ा कचरा तुम पानी में डाल देते हो, गाड़ियों के आवज से में परेशान हो गई हूं, दिन ब दिन मेरी हालत खराब होती जारही है।
आगर आप ऐसा ही आपके इस धरती के साथ पेश आयेंगे तो में मर जाऊंगी इसमें कोई बड़ी बात नहीं पर मेरे बच्चो तुम्हारा क्या होगा? तुम कहा जाओगे और कैसे रहोगे? अभिसे आप प्राधुषण और पेड़ों को काटना बंद करने की कोशिश करो इतनी ही मेरी इच्छा है।
समाप्त।
दोस्तों धरती का यह मनोगत आपको कैसा अलग हमे नीचे comment करके बताएं।
धरती पर ये निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० के बच्चे अपनी पढ़ाई में इस्तमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयो पर भी इस्तमाल किया जा सकता है।
- में धरती बोल रही हूं।
- धरती बोलने लगी तो।
- पृथ्वी की आत्मकथा।
अगर आपको कोई और हिंदी विषय पर निबंध चाहिए तो हमे नीचे comment करके बताईए।
धन्यवाद।
2 टिप्पणियाँ
धरती बोलने लगी तो। per short essay
जवाब देंहटाएंहा जरूर लेकर आएंगे। :)
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