दोस्तों हम हमारी गाड़ी से तो काफी सफ़र करते है पर रेल्वे से यात्रा करने का मजा ही कुछ और होता है। आज हम रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा इस विषय पर हिंदी निबंध लेकर आए है। तो चलिए निबंध की शुरुआत करते है।
रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा।
पाठशाला को अभी छुट्टी लग चुकी थी इसीलिए हमने तय किया था कि हम कहीं बाहर घूमने जाएंगे। मेरे पिताजी ने रेल्वे की टिकट आरक्षित की हुई थी। फिर आखिर वह दिन आया जब हम बाहर घूमने जाने के लिए निकले। हम रेल्वे स्टेशन पर पहुंचे तभी पता चला कि ट्रेन एक घंटा देर से आएगी फिर क्या हमें एक घंटा रेल्वे स्टेशन पर ही निकालना था।
मैं रेल्वे स्टेशन के एक प्लेटफार्म पर बैठकर अपनी नजर यहां वहा घुमा कर देखने लगा। सब जगह पर लोगों की भीड़ थी। रेल्वे स्टेशन के बाहर रिक्शा टैक्सी की लंबी लाइन लगी थी और कुछ लोग रास्ते पर से भागते भागते अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे थे। रेल्वे स्टेशन पर ट्रेन अपने समय के अनुसार ही चलती है वह किसी के लिए १ मिनट भी नहीं रुकती। रेल्वे स्टेशन पर समय का बड़ा महत्व होता है इसीलिए शायद प्लेटफार्म पर इतनी बड़ी घड़ियां लगाई गई थी।
रेल्वे स्टेशन पर एक तरफ लोगों की बड़ी लंबी कतार थी, वे सभी लोग अपने ट्रेन के टिकट निकालने के लिए खड़े थे, मैंने टिकट के लिए इतनी लंबी कतार कभी नहीं देखी थी। कुछ लोग एक मशीन में से टिकट निकाल रहे थे टिकट मिलने के बाद लोग अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए निकल जाते थे।
मैं देख रहा था तभी प्लेटफार्म पर एक अनाउंसमेंट हुई की "ट्रेन आ रही है कृपया प्लेटफार्म से दूर खड़े रहे" और देखते देखते बड़ी तेजी से ट्रेन वहा आ गई कुछ लोग ट्रेन रुकने से पहले ही ट्रेन से उतर गए तो कुछ चलती ट्रेन में चड़ गए। ट्रेन में कोई बैठने की जगह के लिए झगड़ा कर रहा था तो कोई दरवाजे पर खड़े रहने के लिए झगड़ा कर रहा था। और फिर कुछ देर में ट्रेन वहां से निकल गई।
मैंने अपनी नजर घुमा कर देखी तो एक टि.सी लोगों की तिकिट देख रहा था। पुलिस सब जगह ध्यान दे रही थी। प्लेटफार्म पर एक छोटी सी दुकान पर काफी सारी भीड़ थी। दूसरी तरफ कुछ लोग एक जैसे कपड़े पहन कर बैठे हुए थे वह सामान उठाने वाले कुली थे। उन्हें कौन सी ट्रेन कब आएगी इसकी बराबर जानकारी रहती है।
फिर आखिरकार वह समय आया जब हमारे ट्रेन की घोषणा हुई और मैं जहां बैठा था वहां से उठ खड़ा हुआ और सामान लेकर अपने पिताजी के पास जाकर खड़ा हुआ। पिताजी ने मुझे बताया कि मुझे किस डीब्बे में चढ़ाना है, मैं जैसे तैसे धक्के खाते हुए ट्रेन में चढ़ा और अपनी जगह पर जाकर बैठ गया। मेरी रेल्वे की यात्रा शुरू हुई और रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा कैसे बीत गया पता भी नहीं चला। मुझे रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही अनुभव मिला।
समाप्त।
दोस्तों क्या आपने कभी रेल्वे से सफर किया है, हमें नीचे comment करके जरूर बताइए। यह निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तमाल कर सकते है।
रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा यह हिंदी निबंध नीचे दिए गए विषयो पर भी इस्तमाल किया जा सकता है।
- रेल्वे स्थानक पर एक घंटा।
- रेल्वे प्लयाटफॉर्म पर एक घंटा।
- रेल्वे स्टेशन का अनुभव।
दोस्तों आपको यह हिंदी निबंध कैसा लगा और अगर आपको और किसी विषय पर हिंदी निबंध चाहिए तो हमे नीचे comment करके बताइए।
धन्यवाद।
2 टिप्पणियाँ
Good👍
जवाब देंहटाएंThank You :)
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