मां एक ऐसी व्यक्ति है जो सभी को प्रिय होती है, क्योंकि मां हम पर सबसे ज्यादा प्रेम करती है। दोस्तों आज हम मेरी मां पर हिंदी निबंध लाए है। यह निबंध आपको अपने मां के जैसे ही काफी पसंद आएगा। तो चलिए इस हिंदी निबंध को शुरू करते है।
मेरी मां।
जब भी हमारे जीवन में कठिन समय आता है तो सबसे पहले मन में विचार आता है तो वह है मां। क्योंकि हर बार मां ही हमें कठिन प्रसंगों से बहार निकालती है। इसीलिए सभी को अपनी मां काफी प्रिय होती है, जैसा मुझे मेरी मां प्रिय है।
मेरी मां का नाम "भागेश्री केशव गुप्ता" है। मेरी मां के बारे में अगर मैं बताने जाऊं तो शब्द कम पड़ जाएंगे फिर भी मैं मेरी मां के बारे में कुछ शब्दों में बताने का प्रयास करता हूं।
मुझे याद है जब मैं छोटा था और पाठशाला में जाना शुरू ही किया था, उस वक्त मुझे भी आपकी तरह पाठशाला में जाना कुछ पसंद नहीं था। मुझे पाठशाला में नहीं जाना होता था इसीलिए मैं रोता था। जब मैं रोने लगता था तभी मेरे पापा मुझ पर गुस्सा करते थे और चिल्लाते थे, और तभी मेरी मां आकर समझाती थी कि बेटा पाठशाला में जाने के लिए रो मत। मां के प्यार से समझाने के कारण मैं पाठशाला में जाता था। मेरी मां खुद मुझे लेने और छोड़ने के लिए पाठशाला में आती थी।
मां का प्यार बच्चों के प्रति कभी भी कम नहीं होता जब भी घर में कठिन प्रसंग आता है तब वह मां ही होती है जो अपने सारे सुख छोड़कर अपने बच्चों को आनंदित रखती है। मां कभी भी खुद का न सोच कर अपने परिवार के बारे में पहले सोचती है ऐसी निर्मल हमारे मां की ममता होती है।
पाठशाला की पढ़ाई हो या फिर जिंदगी में कोई दिक्कत आए तो सबसे पहले मदत करने वाली मां होती है। अगर हमारी तबीयत कभी खराब हो जाए तो रात भर जागकर हमारी सेवा मां ही करती है। अपना अन्ना खुद ना खाकर अपने बच्चों को देने वाली मां ही होती है।
मां यह प्रेम का सागर है, हम पर जो भी संस्कार होते है वह केवल हमारी मां के वजह से। मां हमेशा बच्चों पर जिंदगी भर अच्छे संस्कार करती है। हमारे मां की तुलना इस जग में किसी से भी नहीं की जा सकती ऐसी हमारी मां होती है।
मेरे लिए मेरी मां ही सब कुछ है, वही मेरे लिए भगवान है। इस दुनिया में मुझे अगर कुछ सबसे ज्यादा प्रिय है तो वह मेरी मां है। मां के प्रेम की तुलना दुनिया की किसी भी चीज से नहीं कर सकते। अगर हमें कभी कुछ थोड़ा भी लग जाए तो होंठ पर आने वाला पहला शब्द मां होता है। मुझे मेरी मां बहुत प्रिय है वही मेरा सब कुछ है।
समाप्त.
तो दोस्तों आप अपनी मां से कितना प्यार करते हो हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।
मेरी मां पर यह हिंदी निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० वी के छात्र अपनी पढ़ाई केलिए इस्तमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयो पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- मेरी प्यारी मां।
- मेरी मां मुझे प्रिय क्यो है।
- मां पर निबंध।
तो दोस्तों आपको यह निबंध कैसे लगा और आपको अगर किसी और विषय पर हिंदी निबंध चाहिए तो हमें comment करके बताएं।
धन्यवाद।
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